यु पी चुनाव के बाद शुरू हुआ इ वी एम् विवाद एम् सी डी चुनाव के बाद अब अपने शिखर पे पहुंच गया है . इस मामले में विपक्षी पार्टियों के रवैया से ज्यादा हैरान करने वाला चुनाव आयोग का रवैया है. इ वी एम् मशीन एक मशीन है लेकिन चुनाव आयोग एक सिस्टम है और उसका दुरुस्त होना मशीन दुरुस्त होने से ज्यादा जरुरी है . विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को बचाये रखने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी चुनाव आयोग की निष्पक्षता है क्योंकि चुनाव लोकतंत्र की आत्मा है तो चुनाव आयोग इसका सबसे बड़ा औज़ार है. दूसरी बात जो मेरे समझ में नहीं आ रही की वैलेट पेपर से चुनाव इस से अच्छा और सच्चा उपाय कैसे है ?? क्या वैलेट पेपर के ज़माने में वैलेट बॉक्स से निकले जिन्न को हम भूल गए या हम उन घटनाओं को भूल गए जैसे वैलेट बॉक्स में स्याही और पानी डाल के वोट को बर्बाद कर देना जो उन दिनों बहुत आम घटना थी. यहां चुनाव आयोग को ये गारंटी लेनी होगी की चाहे मशीन से छेड़ छाड़ संभव हो लेकिन उनका सिस्टम इतना दुरुस्त है की वो किसी को भी कहीं भी ऐसा कोई छेड़ छाड़ करने की इजाजत नहीं देता है. और ये ज्यादा महत्वपूर्ण है ताकि लोगों का विस्वास इस संस्था पे बना रहे और विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र सलामत रहे.लेकिन चुनाव आयोग के साईट पर NOTA मत पर स्पष्टीकरण है,जो इस नोटा बटन को चुनाव प्रक्रिया में अर्थहीन बनाता है और लोधे सिधेकतंत्र के उन मतदाताओं को सीधे सीधे बेवकुफ बनाता है। अतः उन मतदाताओं से यह संघ अनुरोध करता है कि वे एकजूट हों और NO TAAP दल का गठन करें जो देश के राजनीतिक परिवेश में मील का पत्थर साबित हो।जय हिन्द,जय भारत।।
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