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- पास फेल कोई हुआ,मार लिया नोट।बाजी चुनाव की,ताड़ लिया नोटा।।जीत हार जनता की।पहचान दिया नोटा।।सिस्टम को पपु ,बना दिया नोटा।।।अब समय का तकाज़ा है कि एक National Nota party(N N P) बने अगर नोटा को सार्थक अधिकार नहीं मिलता है तो।और उसे राजनीतिक दल का दर्जा हासिल हो।तब देखिए नोटा का कमाल। और तब जनता के मन की बात परखिए, वरना ऐसे हीं दागी,दबंग,दलबदलुओं की बल्ले बल्ले रहेगी। इस एक कड़ोर तेंतीस लाख नौ हजार पाँच सौ सन्तावन नोटा वोट मेंइस चुनाव का 15 लाख नोटा वोट और जोड़ दें।सारे वैलिड वोट है।अब इसे गढ़े में फेंकने का काम चुनाव आयोग को किसने सौंपा ? मूल संविधान में ऐसा करने का अधिकार न तो संसद के पास है और न न्यायपालिका या कार्यपालिका को है।ऐसे में यह घृनित कार्य कौन कर या करवा रहा है? क्या उन पर राष्ट् द्रोह का अपराधी नहीं घोषित करना चाहिए। अब समय का तकाज़ा है कि एक National Nota party(N N P) बने अगर नोटा को सार्थक अधिकार नहीं मिलता है तो।और उसे राजनीतिक दल का दर्जा हासिल हो।तब देखिए नोटा का कमाल। और तब जनता के मन की बात परखिए, वरना ऐसे हीं दागी,दबंग,दलबदलुओं की बल्ले बल्ले रहेगी।
चैनलों पर चोंचलेबाजी ;आरक्षण पर हाँजी हाँजी। नोटा के ताल पर;नाचें हैं सब नेता जी।। शेष रह गये मुल्ला काजी
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