महामहिम राष्ट्रपति के १७वीं लोकसभा के संयुक्त अधिवेशन के सम्बोधन पर प्रतिक्रिया-३ ,यह २०१४ की रचना आज के एक नई शुरुआत को सम्बोधित कर रही है ,जहाँ एक रूपये का बज़ट सरजमीं पर १५ पैसे का ही पहुँचता है। क्योंकि सिस्टम वही है "कहाँ है दिल्ली ,कहाँ है दिल "
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