इतना सहज शब्दों में प्रकृति को संपूर्णता में लाने के लिए कुमार विश्वास को धन्यवाद।
परमानन्द की प्राप्ति के लिए,परमालय के कोख से पनपा कला, साहित्य और संगीत की उपज है कुमार विश्वास द्वारा आज कल गाए गए ए पंक्तियां:-" राधा को राधा बना गए कान्हा; कान्हा को कान्हा बना गई राधा।"
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