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Friday, June 4, 2021

54 GAZAL 3 'बड़ी तमन्ना थी दिलजलों की, उजड़ जाए मेरा आशियाना; कहीं चिरागों की उलझनें हो, कहीं पर जलता रहे दीवाना ' ' tamanna thi diljlon ki, ujd jaye mera aashiyana'


 

1 comment:

  1. 54 GAZAL 3 'बड़ी तमन्ना थी दिलजलों की, उजड़ जाए मेरा आशियाना; कहीं चिरागों की उलझनें हो, कहीं पर जलता रहे दीवाना '

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