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Sunday, July 20, 2025

बेझिझक समर्पण की हालत, बेहिचक बहकने की बातें; एक रात भी होगी कि कहने की,कहना है क्या मालूम नहीं।।

2 comments:

  1. सुधार- बेझिझक समर्पण की हालत, बेहिचक बहकने की बातें; एक रात भी होगी कि कहने की,कहना है क्या मालूम नहीं।।

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  2. बेझिझक समर्पण की हालत, बेहिचक बहकने की बातें; एक रात भी होगी कि कहने की,कहना है क्या मालूम नहीं।।

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