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मैं पता भर दिया, तुम लगे बुझने।। राह उसकी मुझिसे ,लगे पूछने।। नभ को नभ कहा,तल को तल कह दिया।। मैं जता भर दिया, तुम लगे जूझने।। थोड़ी इच्छा बढ़ी तो बढ़ी धरकने ।। मैं हिला भर दिया,तुम लगे ढोलने।।। कुछ यहां कुछ वहां और न जाने कहाँ। मैं खता क्या किया,तुम लगे सोंचने।।।र
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